गोवा। भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) के 55वें संस्करण में उत्तराखंड फ़िल्म विकास परिषद द्वारा गोवा स्थित फ़िल्म बाजार में प्रतिभाग किया गया है। इसी कड़ी में शुक्रवार को नॉलेज सीरीज में उत्तराखंड राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई नई फिल्म नीति 2024 पर चर्चा की गई। नॉलेज सीरीज का शीर्षक बिल्डिंग फ़िल्म फ्रेंडली उत्तराखण्ड – इनिशिएटिव्स – इनसेंटिव्स – एंड द रोल ऑफ़ स्टेकहोल्डर्स था। चर्चा करते हुए मंच पर उपस्थित फ़िल्म अभिनेता एवं निर्देशक अनंत महादेवन नारायण ने कहा कि उत्तराखण्ड में सरल शूटिंग प्रक्रिया है, जिसकी सराहना की जानी चाहिए। अनंत महादेवन ने उत्तराखंड में अपनी फिल्म की शूटिंग अनुमति से लेकर शूटिंग कम्पलीट होने तक तक के अपने अनुभव को साझा किया और स्थानीय लोगो द्वारा की गई हर प्रकार की सहायता के बारे में भी प्रशंसा की गई। उन्होंने बताया कि अभी एक माह पूर्व ही उन्होंने अपनी फ़िल्म “पास्ट टेन्स” की शूटिंग उत्तराखंड में की है, जिसमे परेश रावल, आदित्य रावल, आदिल हुसैन आदि शामिल रहे है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को शूटिंग लोकेशन के लिए डिजिटल एप्प भी तैयार करना चाहिए, इससे राज्य की शूटिंग लोकेशन का अधिक प्रचार प्रसार होगा।
अभिनेता अमित सियाल ने उत्तराखण्ड के खुर्पाताल, नैनीताल जनपद में शूट हुई अपनी फ़िल्म “तिकड़म” के दौरान हुए अनुभवों को बताया। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य और यहां के लोगों का आत्मीय स्वभाव हमेशा याद रहेगा। उन्होंने कहा कि जब भी मौक़ा मिलेगा वे दोबारा उत्तराखण्ड में शूट करना चाहेंगे। उन्होंने नई फिल्म नीति की सराहना की। उन्होंने कहा कि फ़िल्म नीति काफी आकर्षक है, अन्य फ़िल्म निर्माता और निर्देशकों को भी उत्तराखंड में शूटिंग के लिए आना चाहिए।
अभिनेत्री श्रुति पवाँर ने देहरादून में अपने पहले शूटिंग अनुभव के बारे में बताया और कहा कि आज राज्य सरकार फ़िल्म नीति के माध्यम से राज्य में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की फ़िल्मों को हर प्रकार से प्रोत्साहित कर रही है। उन्होंने उत्तराखण्ड को “No less than Switzerland” की संज्ञा देते हुए बताया कि यहाँ शूटिंग लोकशंस के नाम पर एक से बढ़कर एक शूटिंग लोकशंस है और राज्य सरकार भी पूरा सहयोग कर रही है। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी की सराहना की, कि उनके द्वारा फ़िल्म जगत को लेकर सकारात्मक प्रयास करते हुए नई फिल्म नीति लागू की गई है। उन्होंने “उत्तराखण्ड फ़िल्म नीति 2024” को भविष्य की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
ऑस्ट्रेलिया से आये फ़िल्म निर्माता अनुपम शर्मा ने कहा कि उनके द्वारा भारतीय मूल के ऑस्ट्रेलिया निवासी प्रसिद्ध कंट्री सिंगर बॉबी कैश पर बायोपिक फ़िल्म का निर्माण किया जा रहा है। इस फ़िल्म की आधी शूटिंग आस्ट्रेलिया और आधी शूटिंग उत्तराखंड में होगी। इससे उत्तराखंड को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी के फ़िल्म जगत के लिए किए जा रहे प्रयासों की भी प्रशंसा की।
उत्तराखण्ड फ़िल्म विकास परिषद के संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं नोडल अधिकारी डॉ. नितिन उपाध्याय द्वारा उत्तराखण्ड फ़िल्म नीति 2024 के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन एवं विजन के अनुरूप नई फिल्म नीति 2024 लागू की गई है। उन्होंने कहा कि नई फिल्म नीति में 3T (टैलेंट-टेक्नोलॉजी और ट्रेनिंग) के सिद्धांत पर फोकस किया गया है।
डॉ उपाध्याय ने बताया की उत्तराखंड में पहले से ही लोकेशन और रिसोर्स डायरेक्टरी बनाने का काम चल रहा है । भारत सरकार की संस्था इंडियन सिने हब के अंतर्गत एक राष्ट्रीय वेबसाइट बन रही है जिसमे उत्तराखंड के लोकेशन और रिसोर्स अपडेट किए जा रहे हैं । स्थानीय स्तर पर फ़िल्म उद्योग को विकसित किया जा रहा है। स्थानीय स्तर पर फ़िल्मों से जुड़े रोज़गार सृजन को ध्यान में रख कर कार्य किया जा रहा है। नॉलेज सीरीज का संचालन वरिष्ठ आईआरएस अधिकारी प्रमुख आयकर आयुक्त भोपाल श्रीमती माया माहेश्वरी द्वारा किया गया।
इस अवसर पर परिषद के संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. नितिन उपाध्याय द्वारा सभी मंचासीन अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया।
कार्यक्रम में फ़िल्म निर्माता एवं निर्देशक शालिनी शाह, अभिनेता एवं वरिष्ठ पत्रकार सतीश शर्मा, ओम प्रकाश भट्ट, एन.एफ.डी.सी. के वरिष्ठ अधिकारीगण एवं फ़िल्म बाजार में प्रतिभाग करने वाले अन्य राज्यो के प्रतिनिघि आदि उपस्थित थे।