उत्तराखंड चार धाम तीर्थ पुरोहित महा पंचायत ने ऑफलाइन व्यवस्था पर सवाल उठाया है। कई यात्रियों का ऑफ लाइन पंजीकरण न होने से यात्रा कैंसिल कर दी है। महा पंचायत ने रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन के आला अधिकारियों के हवाई सेवा जीबीसे केदारनाथ पहुंचने पर भी सवाल उठाया गया है। इसके अलावा हेली सेवाओं में स्थानीय लोगों के लिए पंजीकरण जरूरी किए जाने पर ऐतराज जताया। हालांकि पहले स्थानीय लोगों को पंजीकरण के दायरे से बाहर रखने की बात कही गई थी।
महापंचायत के महासचिव डॉ बृजेश सती ने कहा कि उत्तराखंड राज्य सरकार चार धाम यात्रा को लेकर गंभीर नहीं है। कहा कि जिला प्रशासन की आला अधिकारी हवाई मार्ग से केदारपुर पहुंचे। बेहतर होता कि गौरीकुंड से केदारनाथ के पैदल यात्रा मार्ग से पैदल जाते । उन्हें तीर्थ यात्रियों को हो रही असुविधा और जमीन पर यात्रा तैयरियो का भी पता चलता। कहां की कुंड से गुप्तकाशी और गुप्तकाशी से सोनप्रयागके बीच में सड़क की स्थिति ठीक नहीं है। केदारनाथ धाम में यात्रा से कुछ दिन पूर्व जिस तरह से जिला प्रशासन रुद्रप्रयाग ने एक तरफा कार्रवाई की है , वह तीर्थ पुरोहितों को उनके अधिकारों से वंचित रखने का एक कुचक्र है ।
उन्होने ऑफलाइन पंजीकरण पर भी सवाल उठाते हुए कहा है कि स्थानीय लोगों को बिना पंजीकरण के हेली सेवा में सीट आवंटित नहीं की जा रही है। कहा कि पर्यटन विभाग और उड्डयन विभाग के बीच में सामंजस्य न होने के कारण इस तरह की स्थिति उत्पन्न हुई है महापंचायत के महासचिव ने कहा कि यात्रा को लेकर देहरादून के एयर कंडीशन कमरों में बैठक की जाती है। जबकि धरातल पर चार धाम व्यवस्था चौपट है। कहा कि शासन में बैठे उच्च अधिकारी फोन उठाने को तैयार नहीं है।